Maalik Movie Review Hindi राजकुमार राव मलिक में बने 1 खतरनाक गैंगस्टर
Maalik Movie Story
दोस्तों इन दिनों राजकुमार राव की नई फिल्म मलिक थिएटर में रिलीज हो चुकी है मगर इसे देखकर लगता है कि कई सालों पहले ऐसी फिल्म बन चुकी है दूसरे एक्टर्स के साथ एक टिपिकल गैंगस्टर फिल्म जिसमें कुछ भी नया करने की कोशिश नहीं किया गया है। ऐसी कहानी आप इतनी बार देख चुके हैं कि आप इस फिल्म से एक कदम आगे चलते हैं आपको पता लग जाता है कि अगले सीन में क्या होने वाला है। बुरा तो तब लगता है जब आप इस तरह के फिल्मों में राजकुमार राव को देखते हैं राजकुमार राव आज के दौर के एक ऐसे एक्टर है.
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जिन्हें कुछ ना कुछ नया करने के लिए देखा जाता है जो हर फिल्म में कुछ नया करने की कोशिश करते हैं मगर मलिक जैसे फिल्म आपका सारा का सारा भरोसा तोड़ देता है इसीलिए ऑडियंस इस तरह की फिल्मों को पसंद करना है छोड़ देते हैं।मालिक की कहानी 1990 के दशक के इलाहाबाद में घटी हुई एक घटना पर आधारित है। यह कहानी उस लड़के की है जिसका नाम दीपक था उसके पिता एक किसान थे.
वह जमींदारों का खेत जोतते थे जिन्हें वह मालिक बुलाते थे मगर दीपक को खेती वगैरा करने में कोई इंटरेस्ट नहीं था वह अपने जीवन में कुछ बड़ा अचीव करना चाहता था। मलिक बनना चाहता था एक दिन दीपक के पिता के साथ दुर्घटना हो जाती है दीपक उसका बदला लेने निकलता है और इसी बदले की आग में वह शहर का सबसे कुख्यात अपराधी मालिक बन जाता है।
दोस्तों हैरानी की बात तो यह है कि इस फिल्म को पुलकित ने डायरेक्ट किया है लेकिन पुलकित इससे पहले राजकुमार राव के साथ फिल्म में काम कर चुके हैं डेड और अलाइव जैसी सीरीज बना चुके हैं। उनकी पिछली फ़िल्म थी भक्षक जो काफी अच्छी फिल्म थी लेकिन उसके बाद अब मलिक की गैंगस्टर वाली फिल्म बनाए हैं जो कि राजकुमार राव और पुलकित का दोनों का मास सिनेमा यह होने वाला है।
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दोस्तों अब आपके दिमाग में एक बात आ रहा होगा कि आखिर दीपक इतना बड़ा गैंगस्टर बनता कैसे है। तो लिए उसके बारे में जानते हैं कि आखिर क्यों इतना बड़ा वह गैंगस्टर बन जाता है। जैसा कि आपको पहले से ही पता है कि जो दीपक है उसके पिता किसान थे और उसके साथ कुछ अनहोनी घटना घट जाती है जिस वजह से वह बदला लेने के लिए सारे लोगों को मारने लगता है और यही तक नहीं रुकता दीपक इलाके के बाहुबली शंकर को आइडल मानता है।
बस फिर क्या था इसके बाद दीपक भी चौराहे पर उसे गुंडे को बेरहमी से खत्म कर देता है और अपनी दबंगई को साबित कर देता है। और बन जाता है पूरे समाज का मालिक। धीरे-धीरे दीपक की गुंडई और वर्चस्व दोनों बढ़ता जाता है। जनता क्या पुलिस क्या विधायक तक सब उसके नाम से खौफ खाते हैं इसीलिए उसे खत्म करने के लिए 98 एनकाउंटर कर चुके लाइसेंस वाले गुंडे एसपी प्रभु दास को सौंपा जाता है। इधर मालिक अपने नेता शंकर को नाराज कर देता है ऐसे में क्या वे विरोधी मलिक की उड़ान लगाम लगा पाते हैं या नहीं फिल्म देखकर आपको पता चलेगा।
Maalik Movie Review
अगर इस फिल्म का ओवरऑल रिव्यू की बात करें तो पहले से यह फिल्म में बहुत सारे सीन्स देखे देखे लगते हैं। इसके अलावा अमिताभ बच्चन की विजय , यश के रॉकी भाई और अल्लू अर्जुन की पुष्पा की तरह दीपक के मालिक बनने के पीछे एक मजबूत वजह ही नहीं दे पाते। लिहाजा इस किरदार के प्रति कोई जुड़ाव महसूस नहीं हो पता है। यह मालिक गरीबों का मसीहा भी नहीं है बस कुछ आधा दर्जन गुंडे लेकर अपने विरोधी के मौत पर घाट उतरता रहता है।
इन सब का असर यह होता है की इंटरवल के बाद सेकंड हाफ में कहानी अपनी लय खो देती है। क्लाइमैक्स भी कमजोर रह गया है ऐसा लगता है कि सीक्वल के मोह में जानबूझकर ऐसा किया गया है जो निराशा भी करता है। फिल्म के डायलॉग और एक्शन काफी बढ़िया है एक्टिंग की बात करें तो राजकुमार राव ने कमाल का काम किया है उनके अलावा अंशुमन पुष्कर अपनी छाप छोड़ते हैं।